संथाल आदिवासियों के भव्य नगरी के एक-एक गढ का वर्णन किया गया है, जैसे-
- किस्कू कोंयडा गाढ
- हेम्ब्रोम खयरी गाढ
- मुर्मू चाय-चम्पा गाढ
- मरण्डी
- टुडू सिंग गाढ
- सोरेन चाय बाहेर गाढ
- हाँसदा कुडाम पुरी गाढ
- बास्के हरबोलोयोंग गाढ
- चोडें जांगे-कोडे गाढ
- पंवरिया बामा गाढ
- बेद्या *****
- किस्कू टाइटल के लोग राज-परिवार के होते थे, ये शासन-व्यवस्था को चलाते थे, इसलिए इसे किस्कू-रापाज कहा जाता था।
- हेम्ब्रोम टाइटल के लोगों को हेम्ब्रोम कुवँर कहा जाता था,ये प्रहरी का काम किया करते थे।
- मुर्मू टाइटल के लोगों को मुर्मू ठकूर(पुजारी) कहा जाता था।
- मरण्डी लोग रहिस हुआ करते थे,इसे मरण्डी किसढ कहा जाता था।
- टुडू लोग रसिक हुआ करते थे,इसे टुडू मंदाडिया कहा जाता था,अर्थात ये गाने-बजाने का काम किया करते थे।
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